जब दर्द के घने बादल घिर के आते है और तन्हाई आस-पास मंडराती है, तब कही से एक आवाज़ आती है जो दिल को ठंडक और सुकून दे जाती और कहती है की 'आज नहीं कोई अपना जिसे ग़म ये सुनाये..', जब ख़ुशी से ज़िंदगी सराबोर हो तब एक आवाज़ आती है और कहती है, 'आज फिर जीने की तमन्ना है..', जब प्यार करने को मन ललचाये तब एक आवाज़ फिर से कह उठती है, 'प्यार को हो जाने दो, प्यार में खो जाने दो..'

और पता नहीं ज़िंदगी के ना जाने ऐसे कितने जज़्बात है जिनके साथ एक आवाज़ का साथ हमेशा रहा है.. पता नहीं ज़िंदगी में क्या रह जाता गर ये एक आवाज़ हमारा हाथ थामे हमें चलना नहीं सिखाती.. कुछ भी हो हालत, कुछ भी हो जज़्बात, एक आवाज़ की जादू, एक आवाज़ का नशा हमेशा वही रहेगा.. और ये आवाज़ उस शक्सियत, उस एक हस्ती की है जिसने हमें ज़िंदगी के मायने सिखा दिए... लता मंगेशकर!!

८२ साल की आवाज़ में आज भी उतनी ताक़त है की हमारी रूह काँप उठे, साथ में वो अपनापन भी है की उसी रूह को हौले से छुले.. हर लम्हा जिस आवाज़ के साथ बिताया है, उस आवाज़ को आज जन्मदिन पर ढेर सारी शुभकामनाएँ.. अपनी माँ के बात अगर किसी आवाज़ ने मुझे सहलाया है तो

वो लतादी की है...

A voice that transcends places, distances and time.. a voice that elevates a human soul to stratosperic levels, making every living moment sublime! To that voice, to that phenomenon, to that magnum opus.. to Lata Mangeshkar... HATS OFF! Thank you Latadi for just about everything...

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